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एक सचमुच योद्धा विनेश फौगाट


विनेश फौगाट ने सोमवार को जकार्ता में एशियन गेम्स के कुश्ती इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। इस मेडल को जीतने के लिए विनेश जहां महीनों से तैयारी कर रही थी। विनेश की इस जीत के पीछे उसकी मां का कड़ा संघर्ष रहा है, जिसने पति की मौत के बाद पेंशन से विनेश को पढ़ाया-लिखाया और इस काबिल बनाया। विनेश की जीत पर उसकी मां प्रेमलता बेहद खुश हैं।

Ye jarur padhe


पिता के मर्डर के बाद पेंशन के पैसे विनेश को बनाया मां ने पहलवान, अब गोल्ड पर लगाया दांव

25 अगस्त 1994 में बलाली निवासी राजपाल फौगाट व प्रेमलता के घर जन्मी बेटी विनेश फौगाट जब मात्र 10 साल की थी तभी 2004 में उनके पिता राजपाल का जमीनी विवाद के चलते मर्डर हो गया था। महाबीर फौगाट ने भाई की मौत के बाद उन्होंने उसकी दो बेटियों विनेश और प्रियंका को ट्रेनिंग दी है। विनेश के पिता हरियाणा रोडवेज में कार्यरत थे। पिता की मौत के बाद उनकी पेंशन विनेश की मां प्रेमलता को मिलने लगी, जिससे उन्होंने अपने घर का गुजर बसर किया। दोनों बेटियों व बेटे को पढ़ाकर उन्हें पहलवान भी बनाया।
फाइनल में डिफेंस देख घबरा गई थी मां


विनेश की मां प्रेमलता का कहना है कि अटैकिंग खेल के लिए मशहूर विनेश को सोमवार को एशियन गेम्स के फाइनल मुकाबले में डिफेंस में खेलते देखा तो मेरी धड़कनें बढ़ गई थीं। लेकिन एक तरफ बेटी के विश्वास को देख मन में गोल्ड मेडल जीतने का पक्का भरोसा भी था।


अपने जन्मदिन पर लौटेगी घर

विनेश फौगाट के लिए यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि इसी महीने 24 अगस्त को उनका जन्मदिन है। विनेश वापिस भी अपने जन्मदिन वाले दिन ही लौटेगी। परिजनों ने उसके जोरदार स्वागत की तैयारी शुरू कर दी है। एयरपोर्ट से लेकर घर तक विभिन्न अंदाज में विनेश का अभिनंदन किया जाएगा। रियो ओलिंपिक में लगी चोट से उभरने के बाद विनेश की जीत का सफर कभी रुका नहीं। साल 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा ले चुकीं विनेश ने गोल्ड कोस्ट में 50 किलोग्राम वर्ग-भार में गोल्ड मेडल हासिल किया था। एशियन चैंपियनशिप में भी मेडल जीते हैं। इसके बाद हाल ही में विनेश ने हंगरी में ट्रेनिंग ली है और इसी महीने, अगस्त में स्पैनिश ग्रैंड प्रिक्स जीता है।

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